FACTS ABOUT MANAV ADHIKAR HUMAN RIGHTS NEWS HINDI NEWS REVEALED

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“हम एक साथ होकर नरसंहार को फिर से होने से रोक सकते हैं। एक साथ हम अपने बच्चों के लिए एक बेहतर भविष्य बना सकते हैं।”

"मानवाधिकारों" को लेकर अक्सर विवाद बना रहता है। ये समझ पाना मुश्किल हो जाता है कि क्या वाकई में मानवाधिकारों की सार्थकता है। यह कितना दुर्भाग्यपू्‌र्ण है कि तमाम प्रादेशिक, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकारी और गैर सरकारी मानवाधिकार संगठनों के बावजूद मानवाधिकारों का परिदृश्य तमाम तरह की विसंगतियों और विद्रूपताओं से भरा पड़ा है। किसी भी इंसान की जिंदगी, आजादी, बराबरी और सम्मान का अधिकार है मानवाधिकार है। भारतीय संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है, बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा देती है।

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एसपी अभिषेक आनंद ने कहा कि नगर की बेहतर व्यवस्थाओं और सुशासन के लिए नगर पालिका के साथ पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से हम कदम होकर साथ चलता है। हम सब मिलकर एक आदर्श व्यवस्थाओं वाला नगर बनाएं ऐसा हमारा लक्ष्य होना चाहिए।

मानव अधिकारों में वे मूल अधिकार शामिल हैं जो हर जाति, पंथ, धर्म, लिंग या राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना हर इंसान को दिए जाते हैं। सार्वभौमिक मानवाधिकारों का विस्तृत वर्णन इस प्रकार है:

मानव अधिकार की कोई सर्वमान्‍य विश्‍वव्‍यापी परिभाषा नहीं है इसलिए राष्‍ट्र इसकी परिभाषा अपने सुविधानुसार देते हैं। विश्‍व के विकसित देश मानवाधिकार की परिभाषा को केवल मनुष्‍य के राजनीतिक तथा नागरिक अधिकारों को भी शामिल रखते हैं। मानवाधिकार को कानून के माध्‍यम से स्‍थापित किया जा सकता है। इसका विस्‍तृत फलक होता है जिसमें नागरिक, राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्‍कृतिक अधिकार भी आते हैं।

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शासन का काम है कि वह समाज में अंतरनिहित असुरक्षा की भावनाओं को मिटाने के लिए समाज में व्याप्त आंतरिक कुरीतियों एवं तंत्र में व्याप्त बुराइयों को मिटाए। इसके लिए व्यक्ति की भौतिक एवं click here आध्यात्मिक जरूरतें एवं परिवार, समाज एवं समूहों की जरूरतों पर ध्यान दिया जाए। 

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